झाँसी। किसी भी दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में मरीज का जल्दी से जल्दी से अस्पताल पहुँचना उसका जीवन बचाने के लिये सबसे अहम होता है। जितने जल्दी मरीज अस्पताल पहुँचता है उतने ही जल्दी उसे उपचार मिलना शुरू हो जाता है जिससे उसके जीवन को सुरक्षा मिलती है। एम्बुलेन्स सेवाओं के महत्व को समझते हुये उ.प्र. सरकार द्वारा झाँसी मण्डल सहित पूरे प्रदेश में एम्बुलेन्स चलायी जा रही हैं। इन एम्बुलेन्स की सेवाएँ एक टोल फ्री नम्बर पर कॉल करने से 15-20 मिनट में उपलब्ध हो जाती हैं। यहाँ तक कि गंभीर मरीजों को एक चिकित्सालय से रेफर करते समय किसी दूसरे उच्च चिकित्सा संस्थान भेजने के लिये भी एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स वेन्टीलेटर के साथ उपलब्ध करायी जा रही हैं। एम्बुलेन्स सेवा मुख्य रूप से तीन कैटेगरी में विभाजित है। 108 आपातकालीन एम्बुलेन्स सेवा, 102 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिय समर्पित एम्बुलेन्स सेवा तथा ए.एल.एस. नामक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स सेवाएँ भी चलायी जा रही हैं जो कि मरीजों को पूर्णत: नि:शुल्क सेवाएँ प्रदान कर रही हैं। इन सेवाओं से भारी संख्या में मरीजों को लाभ मिल रहा है और वे समय से चिकित्सालय पहुँचकर उपचार करा रहे हैं। झाँसी मण्डल में आम जनमानस इन एम्बुलेन्स सेवाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। माह अप्रैल 2025 से सितंबर 2025 की छ:माही में 3.02 लाख लोगों ने किसी न किसी प्रकार की एम्बुलेन्स सेवा का लाभ प्राप्त किया।
उपलब्ध एम्बुलेन्स– झाँसी मण्डल में 108 एम्बुलेन्स सेवा की 71 एम्बुलेन्स व 102 एम्बुलेन्स सेवा की 61 एम्बुलेंस चल रही हैं। गंभीर मरीजों को विशेष परिस्थितियों में उच्च चिकित्सा संस्थान पहुँचाने के लिये वेंटीलेटर के साथ 12 एडवांस लाइफ सपोर्ट भी उपलब्ध हैं।
1. झाँसी में 108 एम्बुलेन्स सेवा की 26 और 102 सेवा की 24 एम्बुलेन्स उपलब्ध हैं।
2. जालौन में 108 एम्बुलेन्स सेवा की 23 और 102 सेवा की 21 एम्बुलेन्स उपलब्ध हैं।
3. ललितपुर में 108 एम्बुलेन्स सेवा की 22 और 102 सेवा की 16 एम्बुलेन्स उपलब्ध हैं।
4. मण्डल के हर जिले में वेंटीलेटर के साथ 04 एडवांस लाइफ सपोर्ट भी उपलब्ध हैं।
प्रसूता और नवजात बच्चे को घर तक छोड़ती है एम्बुलेन्स मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल को ध्यान में रखते हुये हर गर्भवती महिला एवं एक वर्ष तक के बच्चे को समर्पित 102 एम्बुलेन्स सेवा के माध्यम से अस्पताल में भर्ती करने के लिये घर से अस्पताल लाने के अतिरिक्त अस्पताल से छुटटी मिलने पर उन्हें घर छोड़ने की भी व्यवस्था की जाती है। जिससे कि मरीजों पर अस्पताल से छुट्टी मिलने पर घर जाने का कोई अतिरिक्त भार वहन न करना पड़े। प्रत्येक एम्बुलेन्स में एक प्रशिक्षित स्टाफ तथा मानक के अनुसार आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध रहते हैं जिससे रास्ते में मरीज को प्राथमिक उपचार मिलता है, इस उपचार से मरीज की स्थिति स्थिर रहती है और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता है। मानक के अनुसार टोल फ्री नम्बर 108 या 102 पर काल करने पर मरीज को शहरी क्षेत्र में 15 मिनट के अन्दर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20 मिनट के अन्दर एम्बुलेन्स उपलब्ध करायी जा रही है।
एम्बुलेन्स से लाभान्वित मरीजों की स्थिति
1. वर्ष 2025-26 की प्रथम छ:माही में झाँसी जिले में 102 एम्बुलेन्स सेवा से 78335 मरीजों ने लाभ लिया व 108 एम्बुलेन्स सेवा से 32437 मरीजों ने लाभ लिया।
2. वर्ष 2025-26 की प्रथम छ:माही में 102 एम्बुलेन्स सेवा से 79083 मरीजों ने लाभ लिया व 108 एम्बुलेन्स सेवा से 30357 मरीजों ने लाभ लिया।
3. वर्ष 2025-26 की प्रथम छ:माही में 102 एम्बुलेन्स सेवा से 53078 मरीजों ने लाभ लिया व 108 एम्बुलेन्स सेवा से 28942 मरीजों ने लाभ लिया।
एम्बुलेन्स सेवा और गोल्डन आवर विशेषज्ञ मानते हैं कि हार्ट अटेक या स्ट्रोक की स्थिति में मरीज के लिये पहले तीने घंटे जिसे गोल्डन आवर कहा जाता है, बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि कोई मरीज इस अवधि में अस्पताल पहुँच जाये और उसे समुचित चिकित्सा उपचार मिल जाये तो उसकी जान की जोखिम को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। झाँसी मण्डल के मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि झाँसी मण्डल में एन.एच.एम. की एम्बुलेन्स सेवाएँ आम लोगों को आपातकालीन स्थिति में जीवनदायिनी सिद्ध हो रही है। इन सेवाओं से आम लोगों को नि:शुल्क व त्वरित रूप से सरकारी चिकित्सा संस्थान में पहुँचाया जा रहा है जिससे पीड़ित व्यक्तियों को राहत मिल रही है। एन.एच.एम. के मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एम्बुलेन्स सेवाओं का व्यापक विस्तार किया गया है कुछ पुरानी एम्बुलेन्स के स्थान पर अब नयी एम्बुलेन्स आ चुकी हैं। वर्तमान में झाँसी मण्डल में सभी श्रेणी की कुल 144 एम्बुलेन्स संचालित हैं। विगत छ:माही में 3.02 लाख मरीजों ने इस सेवा का लाभ उठाया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।












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